भारतीय कुर्मी महासभा गौतम बुद्ध नगर, ने जिला अध्यक्ष गौरव पटेल के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा
आज दिनांक 03 मार्च 2021 को अखिल भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर प्रदेश ब्यापी ज्ञापन माननीय महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी को संबोधित ज्ञापन पुरे 75 जिलों के जिलाधिकारी महोदय जी को सौंपा गया है
जिला अध्यक्ष श्री गौरव पटेल ने बताया कि यह ज्ञापन देश के महापुरुष “सरदार पटेल” को अपमानित करते हुए “सरदार पटेल” क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर “नरेंद्र मोदी स्टेडियम” रखे जाने के संबंध में है।
गौरव पटेल जी ने बताया कि हम सभी कुर्मी समाज और सरदार पटेल के बंशज विनम्रता पूर्वक अवगत कराना चाहते है कि अहमदाबाद, गुजरात के मोटेरा क्षेत्र में स्थित स्टेडियम का नाम आधुनिक भारत के निर्माता, किसानों के मसीहा, लौह पुरुष, भारत रत्न “सरदार वल्लभ भाई पटेल” के नाम पर सन 1994- 95 में “सरदार पटेल स्टेडियम” रखा गया था। गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा देश के महापुरुष “सरदार पटेल” को अपमानित करते हुए 132000 दर्शकों की क्षमता वाले विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का नाम 24 फरवरी 2021 को “नरेंद्र मोदी स्टेडियम” रख दिया गया। जोकि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़ी अफसोस की बात यह है कि इस स्टेडियम का उदघाटन आपके कर कमलों द्वारा किया गया, जो कि आप के पद की गरिमा के विपरीत तथा अत्यंत अशोभनीय है।
जिला महासचिव श्री प्रमोद नगर जी ने बताया कि उक्त घटना से कुर्मी समाज सहित देश भर के “सरदार पटेल” समर्थक आहत है। लोगों को आशंका है कि इस तरह तो भाजपा सरकार देश के सभी महापुरुषों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नामों को बदल कर अपनी पार्टी के जीवित नेताओं के नाम कर देगी। भारतीय कुर्मी महासभा गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन एवं भाजपा सरकार के इस कृत्य की कड़ी से कड़ी निंदा तथा घोर भर्त्सना करती है।
अतः महोदय जी भारतीय कुर्मी महासभा गौतम बुद्ध नगर देश के श्रेष्ठतम महापुरुष “सरदार वल्लभ भाई पटेल” के सम्मान में मांग करती है कि उक्त स्टेडियम पटल से “नरेंद्र मोदी” का नाम हटाकर पुनः “सरदार पटेल स्टेडियम” नाम रखने का दिशा – निर्देश जारी किया जाए। जिससे महामानव “सरदार पटेल” को यथोचित सम्मान प्राप्त हो सके।
महासभा की मांगे पूरी न होने पर राष्ट्रवादी भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण देश में भाजपा सरकार का पुरजोर विरोध करते हुए महामानव “सरदार पटेल” के सम्मान में लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी भाजपा सरकार की होगी।