चार महीने में शुरू होगा ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का काम, एक ही रूट पर दौड़ेंगी मेट्रो, रैपिड रेल और एलआरटी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी लंबे समय से मेट्रो की मांग और उसके आने का इंतजार कर रहे हैं। अब एक अच्छी खबर आई है कि ग्रेनो वेस्ट की जनता को मेट्रो के साथ-साथ रैपिड रेल का तोहफा मिलने वाला है और अगले चार महीने में गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल और मेट्रो का काम चालू हो जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को दिल्ली से जोड़ने वाली 72.44 किलोमीटर लंबी रैपिड रेल-कम-मेट्रो परियोजना के विकास के लिए धन आवंटित कर दिया है। यह निर्णय गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक के बाद लिया गया। जेवर एयरपोर्ट के अगले साल अप्रैल तक चालू होने की उम्मीद है।
यह परियोजना गाजियाबाद के आरआरटीएस कॉरिडोर से नोएडा एयरपोर्ट तक फैली होगी और इसमें एक ही ट्रैक पर तीन अलग-अलग प्रकार की रेल सेवाएं — रैपिड रेल, मेट्रो और लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) चलाई जाएंगी। यह देश की पहली परियोजना होगी जहां एक ही ट्रैक पर तीनों सेवाएं संचालित होंगी।
यीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने कहा, “रैपिड रेल नोएडा एयरपोर्ट से गाजियाबाद आरआरटीएस तक चलेगी, जो दिल्ली और मेरठ से जुड़ी होगी। मेट्रो सेवा नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच चलेगी, जबकि एलआरटी सेवा नोएडा एयरपोर्ट से सेक्टर 21 तक चलाई जाएगी, जहां फिल्म सिटी विकसित की जा रही है।”
इस 72.44 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 71.5 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा और 1.29 किलोमीटर भूमिगत। इस परियोजना के तहत 22 स्टेशनों की योजना है, जिनमें 21 एलिवेटेड और एक भूमिगत होगा। अधिकारियों के मुताबिक, 12 स्टेशनों को भविष्य के विस्तार के लिए सुरक्षित रखा गया है।
नोएडा सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो का कनेक्शन बनेगा। इसके साथ ही, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 4 में नोएडा मेट्रो का रैपिड रेल से भी संपर्क होगा। सेक्टर 4 से नॉलेज पार्क-5 के बीच एक्वा लाइन मेट्रो रैपिड रेल के ट्रैक पर चलेगी। अरुण वीर सिंह ने बताया कि इस रेल प्रोजेक्ट के लिए NCRTC फंडिंग करेगा। यदि यह संभव नहीं होता, तो हम राज्य के HUDCO से 30 हजार 529 करोड़ रुपये का लोन लेंगे। यह प्रोजेक्ट अगले 4-5 साल में पूरा किया जाएगा, क्योंकि हमारा उद्देश्य एयरपोर्ट तक मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई, जिनमें भूमि अधिग्रहण, बुनियादी ढांचे का विकास और रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े मुद्दे शामिल थे। परियोजना की डीपीआर के अनुसार, कुल 38 स्टेशनों की योजना है, लेकिन प्रारंभिक चरण में 25 स्टेशनों पर काम शुरू किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि चार महीने के भीतर केंद्र से आवश्यक अनुमोदन मिलने की उम्मीद है।
रैपिड रेल परियोजना से नोएडा एयरपोर्ट और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच तेज़ी से कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही मेट्रो सेवा स्थानीय आवागमन के लिए होगी, जबकि एलआरटी एयरपोर्ट और उसके आसपास के इलाकों को जोड़ेगी। भविष्य में सराय काले खां-गाज़ियाबाद रैपिड रेल मार्ग को दिल्ली एयरपोर्ट तक बढ़ाने की भी योजना है।
यीडा ने परियोजना के लिए धन की व्यवस्था के लिए हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हडको) से ₹30,529 करोड़ का ऋण लेने की योजना बनाई है। परियोजना को अगले चार से पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
इस परियोजना के तहत एक भूमिगत स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल वन और ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर के बीच होगा, जो एयरपोर्ट मास्टर प्लान के अनुसार बनाया जाएगा। इसके अलावा, हडको ने परियोजना के लिए ₹34,000 करोड़ का ऋण देने का आश्वासन दिया है, जो कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रमुख परियोजनाओं के लिए होगा।
यीडा को अगले पांच वर्षों में 40 गांवों से 6,000 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग ₹14,000 करोड़ की आवश्यकता होगी।